Wednesday 8 March 2017

हरियाणा विधानसभा में सोमवार को मौका तो था बजट का, लेकिन बजट से ज्यादा विधानसभा में सत्तासीन बीजेपी में चल रही बगावत और विधायकों की नाराजगी की खबर ही पूरा दिन छाई रही. पहली बार हरियाणा में अपने बलबूते पर सरकार बनाने वाली भारतीय जनता पार्टी के लिए अब उसी के विधायक ही मुसीबत बनते जा रहे हैं. 
हरियाणा विधानसभा में बीजेपी के 46 विधायक हैं और इनमें से 18 विधायक इस वक्त स्टेट लीडरशिप और सीएम से नाराज चल रहे हैं. इन विधायकों को रेवाड़ी के विधायक रणधीर सिंह कापड़ीवास लीड कर रहे हैं और विधायकों का कहना है कि सरकार में इनकी बात नहीं सुनी जाती. वो जनता के चुने हुए नुमाइंदे हैं और ऐसे में जनता के काम करवाने का दबाव उनके ऊपर रहता है और इसी वजह से उन्होंने अपनी बात सीएम के सामने रख दी है. अगर उनकी मांगों पर अमल नहीं किया गया तो एक बार फिर वो अपनी आवाज उठाएंगे. 
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक ये विधायक सीएम खट्टर के काम करने के तरीके से नाखुश हैं. अपने इलाके का अगर कोई भी काम करवाने के लिए ये सीएम खट्टर या फिर अफसरों से सिफारिश करते हैं तो इनकी सिफारिशों को दरकिनार कर दिया जाता है. इसी वजह से धीरे-धीरे ये नाराज विधायक एकजुट होते जा रहे हैं और लगातार सरकार के खिलाफ बैठक कर रहे हैं. 
हालांकि हरियाणा के बीजेपी अध्यक्ष सुभाष बराला इस पूरी बगावत पर पर्दा डालने में लगे हैं. उन्होंने कहा कि कोई ऐसी नाराजगी की बात नहीं है बल्कि विधायक चाहते हैं कि वो अपने इलाके के लोगों के हित में काम कर सकें. इसीलिए वो लगातार सीएम से संपर्क में रहते हैं और अपनी बात सामने रख देते हैं और ऐसा करने का अधिकार इन सभी विधायकों को है. हरियाणा बीजेपी अध्यक्ष ने किसी भी तरह की बगावत या नेतृत्व परिवर्तन की बात से इंकार कर दिया. 
वहीं हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर ने ये मान लिया कि पार्टी में सब कुछ ठीक नहीं है. उन्होंने कहा कि अगर सर्वसम्मति से नेतृत्व परिवर्तन का आदेश आलाकमान की ओर से दिया जाएगा, तो वो इसके लिए तैयार हैं. उन्हें सीएम भी सर्वसम्मति से बनाया गया था और अब आगे कोई भी फैसला अगर सर्वसम्मति से लिया जाएगा तो वो इसका स्वागत करेंगे. 
सूत्रों से पता चला है कि पार्टी से नाराज चल रहे अपने विधायकों की नाराजगी की खबर पार्टी आलाकमान को भी है और इन नाराज विधायकों को यूपी चुनाव खत्म होने और नतीजे आने तक चुप रहने को कहा गया है. इसी वजह से जो विधायक कुछ दिन पहले तक खुलकर सीएम खट्टर और सरकार के कामकाज के खिलाफ बोल रहे थे, वो अब खामोश हो गए हैं, लेकिन ये आग अभी पूरी तरह से बुझी नहीं है. 
वहीं बीजेपी में चल रही है इस बगावत ने विपक्षी पार्टियों इंडियन नेशनल लोकदल और कांग्रेस को बीजेपी सरकार पर हमला करने का मौका दे दिया है. इंडियन नेशनल लोकदल के अध्यक्ष अशोक अरोड़ा और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री गीता भुक्कल ने बीजेपी की हरियाणा सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि जब ये पार्टी अपने विधायकों की नहीं सुनती तो आम जनता की क्या सुनेगी. विधायकों की अनदेखी से साफ हो गया है कि ये सरकार जनता के प्रतिनिधियों की नहीं बल्कि अफसरशाही के सामने झुकी हुई सरकार है. 
अपनी सरकार में चल रही बगावत को लेकर सरकार के मंत्री भी खामोश हैं और उनकी इस खामोशी से साफ होता है कि हरियाणा बीजेपी और सरकार में सब कुछ सही नहीं चल रहा है. हरियाणा के मंत्री मनीष ग्रोवर से जब विधायकों की नाराजगी को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि आप ये सवाल जाकर सीएम से पूछिए. वहीं एक और मंत्री ओम प्रकाश धनखड़ जवाब देने की बजाए लगातार हरियाणा विधानसभा में पेश किए गए बजट के कसीदे पढ़ते रहें.
बीजेपी की सरकार में चल रही उठापटक ने हरियाणा में कदम जमाने की कोशिश कर रही आम आदमी पार्टी को भी एक अच्छा मौका दे दिया. आम आदमी पार्टी के हरियाणा अध्यक्ष नवीन जयहिंद ने दावा किया कि बीजेपी के नाराज विधायकों में से कई विधायक आम आदमी पार्टी के संपर्क में है और आने वाले दिनों में हरियाणा की राजनीति में एक बड़ा उलटफेर हो सकता है. 
आम आदमी पार्टी के इन दावों को खट्टर सरकार के फायरब्रांड मंत्री अनिल विज ने खारिज कर दिया है. उन्होंने कहा कि विधायकों में कोई नाराजगी नहीं है, बल्कि विधायक चाहते हैं कि उनके इलाके के काम अच्छे से हो इसी वजह से वो अपनी बात खुलकर सीएम के सामने रख रहे हैं. विज

No comments:
Write comments

Services

More Services

© 2014 Today-Health. Designed by Bloggertheme9 | Distributed By Gooyaabi Templates
Powered by Blogger.